सप्तम नवदुर्गा: माता कालरात्रि
दुर्गा पूजा के सातवे दिन माता काल रात्रि की उपासना का विधान है | संपूर्ण प्राणियो की पीड़ा को हरने वाली, अग्निभय, जलभय, रात्रिभय, जन्तुभय दूर करने वाली, काम, क्रोध ओर शत्रुओ का नाश करने वाली, काल की भी रात्रि विनाशिका होने से उस देवी का नाम "कालरात्रि" पड़ा|
माता कालरात्रि का उपासना मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
नवरात्र का सातवां दिन (Seventh Day of Navratri 2018):
मां कालरात्रि की पूजा 24 मार्च (चैत्र नवरात्र) और 16 अक्टूबर (शारदीय नवरात्र) को की जाएगी।
माता का स्वरूप
माताकालरात्रि के शरीर का रंग काला, बाल बिखरे हुए, गले मे मुण्ड माला, तीन नेत्र, गर्दभ है | दाहिना हाथ वारमुद्रा मे, दूसरा हाथ अभय मुद्रा मे है | बाई हाथ मे लोहे का काँटा तथा नीचे वाले हाथ मे खड्ग है |
आराधना महत्व
माताकालरात्रि की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति, दुश्मनो का नाश, तेज बड़ता है | माता अपने भक्तो को सभी प्रकार के दुखो ओर भय से मुक्त करती है ओर देवी वाक्सिद्धि ओर बुद्धि बल प्रदान करती है | दानव, दैत्य, राक्षस भूत-प्रेत माताकालरात्रि के स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर थक जाते है |
पूजामेउपयोगीवस्तु
सप्तमी तिथि के दिन भगवती की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से पुरुष शोकमुक्त हो सकता है।
माता कालरात्रिकीआरती
कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुह से बचाने वाली
दुष्ट संगारण नाम तुम्हारा
महाचंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पे सारा
महाकाली है तेरा पसारा
खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों कालहू चखने वाली
कलकता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखू तेरा नजारा
सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दुःखना
ना कोई चिंता रहे ना बिमारी
ना कोई गम ना संकटभारी
उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली माँ जिसे बचावे
तूभी 'भक्त' प्रेम से कह
कालरात्रि माँ तेरी जय
काल के मुह से बचाने वाली
दुष्ट संगारण नाम तुम्हारा
महाचंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पे सारा
महाकाली है तेरा पसारा
खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों कालहू चखने वाली
कलकता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखू तेरा नजारा
सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दुःखना
ना कोई चिंता रहे ना बिमारी
ना कोई गम ना संकटभारी
उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली माँ जिसे बचावे
तूभी 'भक्त' प्रेम से कह
कालरात्रि माँ तेरी जय
विशेष: मान्यता है कि माता कालरात्रि की पूजा करने से मनुष्य समस्त सिद्धियों को प्राप्त कर लेता है। माता कालरात्रि पराशक्तियों (काला जादू) की साधना करने वाले जातकों के बीच बेहद प्रसिद्ध हैं। मां की भक्ति से दुष्टों का नाश होता है और ग्रह बाधाएं दूर हो जाती हैं।
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